51 दिवसीय शिवशक्ति महायज्ञ संपन्न, अवभृत स्नान कर शंकराचार्य का कुंभनगर से प्रस्थान…

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 प्रयागराज: सनातन धर्म के पुनरुत्थान, राष्ट्र की समृद्धि एवं विश्व कल्याण एवं विश्व शांति को समर्पित गोवर्धन मठ पुरी के शंकराचार्य शिविर में आयोजित 51 दिवसीय शिवशक्ति महायज्ञ शनिवार को पूर्णाहुति के साथ संपन्न हो गया। महायज्ञ संपन्न होने के बाद गोवर्धन मठ पुरी के 145वें शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने शिष्यों के साथ अवभृत स्नान कर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। इसके बाद शंकराचार्य गोवर्धन मठ के लिए प्रस्थान कर गये। इस महायज्ञ में असम राज्यपाल  देश के कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, उद्योगपतियों एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

 उल्लेखनीय है कि कुंभनगर के सेक्टर 18 स्थित हर्षवर्धन मार्ग पर गोवर्धन मठ पुरी के शंकराचार्य शिविर में 10 जनवरी को शंकराचार्य अधोक्षजानंद देवतीर्थ के सानिध्य में महायज्ञ की शुरुआत हुई थी। इस दौरान 52 शक्तिपीठों के  वैदिक आचार्यों के मंत्रोच्चार से पूरा वातावरण गूंजता रहा। श्रद्धालुओं ने हवन कुंड में आहुति डालकर सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की। कार्यक्रम में असम के महामहिम राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य, मुख्यमंत्री हिमंता विश्वाशर्मा, केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्वानंद सोनेवाल, वरिष्ठ भाजपा नेता सांसद दिलीप सैकिया, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चौनामीन, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री सांसद बिप्लब कुमार देब, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर, आल इंडिया फुटबाल फेडरेशन के अध्यक्ष एवं ओलंपिक एसोसिएशन के जनरल सेक्रेट्री सह कार्यकारी सीईओ कल्याण चैबे, भारी उद्योग एवं इस्पात राज्यमंत्री श्रीनिवास वर्मा की पत्नी वेंकटेश्वरी देवी, नेपाल सरकार मधेश के वित्त मंत्री सुनील यादव सहित देश के कई राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्री, दर्जनों सांसद, विधायक, अभिनेता, उद्योगपति एवं श्रद्धालु शामिल हुए।

 इस दौरान आद्यशंकराचार्य धर्मोत्थान संसद के तत्वावधान में दो महीने तक लगातार अखंड भंडारा, अन्न क्षेत्र का संचालन हुआ। भंडारा में लाखों साधु-संत एवं श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। शिविर में देश के पूर्वोत्तर राज्यों के श्रद्धालु बड़ी संख्या में आये। यह महाकुंभ में चर्चा का विषय रही। देश के पूर्वोत्तर के राज्य गोवर्धन मठ पुरी के विशेष धर्म शासित क्षेत्र हैं। वहीं, स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ जी महाराज गोवर्धन मठ पुरी के 145वें शंकराचार्य हैं।

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