गैरसैंण पर निर्णायक फैसला लें, वरना 9 नवंबर से ‘आक्रोशपूर्ण प्रतिरोध’ होगा शुरू – पूर्व आईएएस विनोद प्रसाद रतूड़ी…
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उत्तराखंड की स्थायी राजधानी गैरसैंण की मांग एक बार फिर निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। ‘स्थायी राजधानी गैरसैंण समिति’ ने राज्य सरकार को दो टूक चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि 3 या 4 नवंबर को होने वाले विधानसभा के विशेष सत्र में गैरसैंण को लेकर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो अब तक का शांतिपूर्ण आंदोलन ‘आक्रोशपूर्ण प्रतिरोध’ में बदल जाएगा।
समिति के मुख्य संयोजक एवं पूर्व IAS अधिकारी विनोद प्रसाद रतूड़ी ने कहा कि उन्होंने अपने सेवाकाल में 50 से अधिक ट्रांसफर झेले, लेकिन गैरसैंण की राजधानी बनने का सपना अभी अधूरा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि 9 नवंबर 2025 से कर्णप्रयाग में धरना-प्रदर्शन शुरू किया जाएगा और सरकारी कार्यक्रमों, नेताओं व अधिकारियों का विरोध काले झंडों से किया जाएगा।
रतूड़ी ने बताया कि 26 नवंबर से ‘हर गाँव में लाइट बंद, काले झंडे बंद’ कार्यक्रम के तहत प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन भी किया जाएगा, ताकि सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग जनता के असंतोष को महसूस कर सकें। उन्होंने आंदोलन को सांस्कृतिक रूप देते हुए ‘3K और 1T’ (त्रिशूल) की नई रणनीति की घोषणा की है-
कचिया (भैरव): शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना व घंटा-घड़ियाल बजाकर सत्ता के कर्णधारों की ‘बुद्धि-शुद्धि’ की प्रार्थना।
कंडाली: प्रतीकात्मक रूप से नेताओं को सुधारने का संदेश, साथ ही पहाड़ की पहचान के रूप में स्वरोज़गार का भी प्रतीक।
कांडी: पहाड़ की महिला शक्ति के परिश्रम का प्रतीक, जिसका उपयोग आंदोलन में प्रतिरोध के रूप में किया जाएगा।
त्रिशूल: संघर्ष, न्याय और धर्म का प्रतीक, जिसे मंदिरों में वितरित किया जाएगा।
वही रतूड़ी ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे इस “निर्णायक संघर्ष” में समिति का साथ दें और गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाए जाने की मांग को सशक्त बनाएं।
