निष्पक्ष रूप से ज्वलंत मुद्दों की आवाज फिर बना सुराज सेवा दल, गृह मंत्री को लिखा पत्र….
दलगत राजनीति से दूर जनसाधारण के हितों की रक्षा और उनकी आवाज उठाने वाले संगठन के रूप में अपनी पहचान बना चुके सुराज सेवा दल ने जिलाधिकारी हरिद्वार कर्मेंद्र सिंह के माध्यम से एक पत्र गृह मंत्री अमित शाह को प्रेषित किया इस दौरान सुराज सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष रमेश जोशी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे…
पत्र में राज्य की स्थिति पर लिखते हुए कहा कि उत्तराखंड की स्थिति इतनी दयनीय है कि अधिकारी बेलगाम हो रखे हैं और जिले के जिलाधिकारी मात्र अपने द्वारा किए गए जुमलों को यूट्यूब व कुछ पत्रकारों की सांठ गांठ से जुमले के प्रचार प्रसार में जोकरिंग कर रहे हैं क्योंकि आपके द्वारा अगर जनहित में कोई कार्य किया जा रहा है तो इसका प्रचार प्रसार सरकार व संगठन के माध्यम से किया जाना चाहिए ताकि आम जनता के दिलों में संगठन व सरकार के प्रति सकारात्मक ऊर्जा आ सके लेकिन इनके द्वारा अपने को हीरो बनने के चक्कर में जुमलेबाजी की जा रही है जबकि सरकार इनको प्रतिमाह तनख्वाह ,नौकर चाकर ,सुख सुविधा ,मुहैया करा रही है जो कि आम जनता का पैसा है और इन कार्यों को करने के लिए सरकार ने इनको दायित्व दे रखे हैं लेकिन यह अपने नैतिक जिम्मेदारियां से भटक कर जुमलेबाजी वाली जिम्मेदारियां निभा रहे हैं जिलाधिकारी और आयुक्त जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहकर यह लोग रोटी कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने के बजाय शराब की ओवर रेटिंग व एक-एक पव्वा शराब का पकड़कर मीडिया और यूट्यूब में दिखाकर अपना प्रचार प्रसार कर रहे हैं गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार के लिए नीति बनाने का ध्यान किसी भी अधिकारी का नहीं है केवल श्री विनय शंकर पांडे जी द्वारा हरिद्वार जिलाधिकारी रहने के दौरान हरिद्वार में आवासीय योजनाओं का गरीब जनता को शीघ्र लाभ मिला उसके अलावा आप आईबी की गोपनीय जांच रिपोर्ट मंगवा कर देख लें सारे जनपदों के आवासीय भवन या तो खाली हैं या पत्रों को नहीं मिल पाए या निर्माण सामग्री इतनी निम्न स्तर की है कि गरीब जनता भी उसको लेने के लिए तैयार नहीं कोई जिलाधिकारी शराब की ओवर रेटिंग की छापेमारी, कोई अधिकारी मीडिया को मैनेज कर भ्रष्टाचार करने में मग्न होने के अलावा वीडियो वायरल करने के अलावा कोई दूसरी नीति नहीं बना रहे है महोदय उत्तराखंड में स्थानीय लोगों को 70% आरक्षण की नीति अनिवार्य रूप से थी लेकिन क्योंकि केवल पूंजी पत्तियों को उत्तराखंड में तवज्जो दी जा रही है और किसी भी कंपनी में यह नियम 70% तो छोड़े 30% भी लागू नहीं है और किसी भी जिलाधिकारी द्वारा फैक्ट्री में गरीब जनता के शोषण को रोकने के लिए व न्याय दिलवाने के लिए कोई छापेमारी नहीं की गई ना ही इस प्रकार के कोई आदेश डिप्टी लेबर कमिश्नरों को पारित किए गए वही केवल अवैध खनन नीति को बढ़ावा दिया जा रहा है फैक्ट्री वाले गरीब स्थानीय लेबरों को 100 /200 रुपए के सामान की चोरी वह भी बिना किसी साक्ष्य के आरोप लगाकर रोजी-रोटी छीन ने का कार्य किया जा रहा है कोई नेता इस पर आवाज उठाता है तो उस पर झूठे साक्ष दिखाकर या बिना किसी साक्ष्य के भी ब्लैकमेलिंग का झूठा मुकदमा लिखवा कर डराने का कार्य किया जाता है सरकारी भूमियों पर शराब की दुकान खुली हैं और गरीब आदमी को डरा धमका कर उनके मकानों को तोड़ा जाता है या उनसे अवैध वसूली मकान न तोड़ने की एवज में ली जाती है विजिलेंस भी मात्र मध्य तपके के कर्मचारियों को ही जेल भेजने का कार्य करता है जबकि उच्च अधिकारियों के ऊपर उनकी मेहरबानियां बनी रहती है जिससे उनको क्लीन चिट दे दी जाती हैं और साक्ष छुपा दिए जाते हैं फैक्ट्री का दूषित गंदा पानी गांव में छोड़ा जा रहा है और टायर जलाए जा रहे हैं गांव की पंचायत में कांग्रेस के विधायकों के रिश्तेदारों द्वारा गंदगी की जा रही है और शिकायत करने वालों के खिलाफ झूठे मुकदमे पंजीकृत करवाए जा रहे हैं पॉल्यूशन विभाग भी पैसे लेकर आंखें मूंदे बैठा है और कार्रवाई के नाम पर पैसे लेकर फाइलें दबा दी जा रही है या तारीख पर तारीख देकर उद्योगपतियों को बचाने का कार्य किया जा रहा है मंगलौर में एक शहद फैक्ट्री जो की पूर्व में डुप्लीकेट शहद के मामले में बंद भी हुई थी वहां पर कई बार शिकायत के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तत्काल प्रभाव से कार्रवाई नहीं की गई या आपके द्वारा दिनांक 2.11.2024 तक संज्ञान नहीं लिया गया तो सुराज सेवा दल आपके आवास पर शांतिपूर्ण गांधीवादी तरीके से धरना प्रदर्शन को मजबूर होगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रदेश सरकार व आला अधिकारियों की होगी…