December 6, 2025

शिक्षा के व्यापारीकरण के बीच हरिद्वार के चमनलाल महाविद्यालय ने पेश की बड़ी मिसाल, निःशुल्क हुआ पुस्तक वितरण…

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हरिद्वार: शिक्षा के मंदिर में उपलब्धियों का संसार पुस्तकें खोलेंगी वह सारे द्वार… हरिद्वार के लंढौरा स्थित चमनलाल महाविद्यालय ने साबित कर दिया कि विचारों की प्रेरणा हरिद्वार के ग्रामीण अंचल तक शिक्षा की ज्योत बड़ी उपलब्धियों के साथ जगा सकती है महाविद्यालय का शैक्षिक रिकॉर्ड लगातार प्रगति पथ पर है तो वहीं महाविद्यालय में होने वाले कार्यक्रम अपने आप में रिकॉर्ड कायम किये हुए है इसी क्रम में चमनलाल स्वायत्त महाविद्यालय में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित पुस्तक प्रदर्शनी और निशुल्क पुस्तक वितरण कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को लगभग 2000 किताबें वितरित की गईं। इस दौरान विद्यार्थियों को उनके विषय और पसंद की पुस्तकों को निशुल्क प्राप्त करने का अवसर दिया गया।

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील उपाध्याय ने बताया कि महाविद्यालय में विद्यार्थियों के उपयोग की लगभग 2000 अतिरिक्त पुस्तकें उपलब्ध थीं। ये पुस्तकें विगत वर्षों में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध कराई गई थीं। इसी क्रम में मुक्त विश्वविद्यालय से सहमति प्राप्त करते हुए महाविद्यालय में दो दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी आयोजित की गई और साथ ही 50 से अधिक विषयों की लगभग 2000 किताबें छात्र-छात्राओं को निशुल्क प्रदान की गईं।

 छात्र-छात्राओं को अधिकतम 10 किताबें लेने की अनुमति दी गई थी। इस पहल को लेकर छात्रों में अत्यधिक उत्साह देखा गया। उन्होंने इस कार्यक्रम को नियमित रूप से हर वर्ष आयोजित किए जाने की मांग की।

महाविद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रामकुमार शर्मा ने कहा कि चमनलाल महाविद्यालय विगत वर्षों से जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को पुस्तकों और शिक्षण शुल्क में लगातार सहयोग प्रदान करता रहा है। इस वर्ष इस कार्य को और व्यापक स्तर पर संचालित किया गया है, जिसे अब वार्षिक गतिविधि के रूप में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने ऐसे सभी लोगों से अनुरोध किया जिनके घर में अतिरिक्त पुस्तकें उपलब्ध हैं, वे इन पुस्तकों को महाविद्यालय को उपलब्ध करा सकते हैं। इसी कड़ी में महाविद्यालय अपने छात्र-छात्राओं को संबंधित पुस्तकों को निशुल्क उपलब्ध कराएगा। इससे जहां किताबें संरक्षित होंगी, वहीं नई पीढ़ी में पढ़ने की प्रवृत्ति का भी विकास होगा।

महाविद्यालय प्रबंध समिति के सचिव अरुण हरित ने छात्र-छात्राओं से कहा कि वे इन पुस्तकों का अध्ययन करने के बाद इन्हें अपने अन्य जरूरतमंद साथियों और विद्यार्थियों को दे दें, ताकि ज्ञान की निधि अनेक युवाओं तक पहुंच सके। उन्होंने इस पहल का और अधिक प्रचार-प्रसार किए जाने पर जोर दिया।

पुस्तक प्रदर्शनी और निशुल्क वितरण में स्नातक, स्नातकोत्तर तथा शोध स्तर की पुस्तकें रखी गई थीं। इनमें कॉमर्स, कृषि, गृहविज्ञान, पुस्तकालय विज्ञान, मानविकी एवं आर्ट्स विषयों के साथ-साथ साइंस के सभी प्रमुख विषयों की पुस्तकें उपलब्ध थीं। इस कार्यक्रम का संयोजन आईक्यूएसी की निदेशक डॉ. दीपक अग्रवाल और मुक्त विश्वविद्यालय के केंद्र समन्वयक डॉ. अनुराग शर्मा ने किया।

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