मान्यता हैं….फायदा मिलेगा
कार्तिक मास महिमा
सनातन धर्म में कार्तिक माह अति पवित्र माना जाता है। ऐसी मान्यता है यह महीना श्री हरि विष्णु को अत्यंत प्रिय है। चार मास की निद्रा के पश्चात् भगवान् विष्णु कार्तिक मास में फिर से पृथ्वी का शासन कार्य भार संभालते हैं। कार्तिक महीने में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से समृद्धि एवं आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है। पवित्र नदियों में स्नान एवं पूजा पाठ करना इस मास में कल्याणकारी माना गया है। इस वर्ष कार्तिक मास का शुभारंभ 18 अक्टूबर, 2024 शुक्रवार एवं समापन 15 नवंबर, शुक्रवार को होगा। इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा। करवा चौथ, श्री गणेश चतुर्थी, धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भैय्या दूज इस माह के प्रमुख हैं।
कार्तिक मास नियम:-
कार्तिक महीने में गंगा स्नान या गंगाजल युक्त जल से स्नान करना चाहिए।
इस मास में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत् पूजा करनी चाहिए।
कार्तिक मास में प्रतिदिन श्री श्री तुलसी मॉं के सम्मुख देसी घी का दीपक जलाना चाहिए।
कार्तिक महीने में गर्म वस्त्र, आंवला और दीप दान जरूर करना चाहिए।
इस मास में भगवान शालीग्राम पूजा का भी विधान।
कार्तिक मास महत्व:-
यह महीना भगवान विष्णु और मॉं लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित माना गया है। इसी मास में भगवान विष्णु हरि योग निद्रा से जागते हैं। कार्तिक मास श्री श्री श्री तुलसी मॉं पूजन के लिए भी अति उत्तम माना गया है। इस माह में प्रति दिवस श्री श्री तुलसी माता की पूजा करने से परिवार को सुख-समृद्धि-तरक्की का पुण्य फल प्राप्त होता है। ग्रंथों के अनुसार कार्तिक मास देव पक्ष के नाम से भी जाना जाता है। इस महीने में जप, तप और दान जैसे पुण्य कर्मों के प्रति फल स्वरूप मोक्ष प्राप्ति होती है। भगवान् विष्णु ने इस मास में अर्जित पुण्य को अक्षय फल देने वाला बताया है।
सीनियर पत्रकार रमेश Khanna की कलम से