घिल्डियाल परिवार का पितृ समर्पण, डाॅ० बी.पी घिल्डियाल स्मृति व्याख्यान गोवा में आयोजित…

मातृ भूमि के लिए समर्पण व पितृ भक्ति का भाव पूरा कर घिल्डियाल परिवार ने अपने पिता के निश्वार्थ सेवा पथ का अनुसरण कर समाज सेवा की अनूठी मिसाल पेश की, आमतौर पर युवा पीढ़ी जहां अपनी सभ्यता, संस्कृति और पारिवारिक मूल्यों को भूलती जा रही है लेकिन भारत के सर्वोच्च कृषि सम्मान (रफी अहमद किदवई पुरस्कार) से सम्मानित के डॉ बी. पी घिल्डियाल के परिवाजनों ने अपनी कृषि अनुसंधान एवं सेवा रूपी विरासत को पूरी जिम्मेदारी को आगे बढाया है…
इसी क्रम में 11वां डाॅ० बी.पी घिल्डियाल स्मृति व्याख्यान आईसीएआर-केंद्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान गोवा में आयोजित हुआ व्याख्यान में देशभर के कृषि वैज्ञानिक जुटे , कृषि क्षेत्र में किसानों को बेहतर बीज , प्रबन्धन और उपज कि तकनीकों को उपलब्ध कराने में मंथन हुआ
आईसीएआर-केंद्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान गोवा व इंडियन सोसाइटी फाॅर एग्रोफिजिक्स द्वारा संयुक्त रूप आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार के अंतर्गत स्मृति व्याख्यान के मुख्य वक्ता डाॅ० ए.के सिंह ( कुलपति- रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी , उत्तरप्रदेश) ने बताया कि मौजूदा समय में खेतों में पैदावार कैसे बढाया जाय जिससे किसानों कि आय को दोगुना करा जा सके , इसके लिए वैज्ञानिकों के अनुसंधानों को खेतों तक पहुंचाने कि प्राथमिकता होनी चाहिए , छोटी जोत के किसानों पर ज्यादा ध्यान देने कि जरूरत है , नई तकनीक को किसानों तक पहुंचाने से पहले अनुसंधान केंद्रों गहन अध्ययन होना चाहिए, डाॅ.सिंह ने बताया कि भारत में सब्जी व उद्यान का क्षेत्रफल बड़ा है , व्याख्यान में मौजूद स्व.डॉ. घिल्डियाल के पुत्र उदित घिल्डियाल ने परिवार कि तरफ से व्याख्यान के आयोजकों व मौजूद सभी वैज्ञानिकों का धन्यवाद प्रकट किया कर सोसाइटी के लिए परिवार कि प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए घिल्डियाल परिवार की तरफ से पांच लाख रुपये दान करने की घोषणा की , व्याख्यान में उपस्थित डा० एस.के चौधरी ( डी.डी.जी ,आई.सी.आर ), डाॅ. वाई.के शिवे ( अध्यक्ष- आई.स.ए.पी), डाॅ. प्रवीण कुमार (निदेशक-आईसीएआर-केंद्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान गोवा) डाॅ० प्रगति प्रमाणिक, बांग्लादेश से डाॅ. देबाशीष चक्रबर्ती समेत बड़ी संख्या में वैज्ञानिक मौजूद रहे।

