आध्यात्मिक चेतना केंद्र के रूप में प्रसिद्ध शांतिकुंज में नवरात्रि साधना शिविर की हुई सामुहिक पूर्णाहुति…
हरिद्वार: युग निर्माण योजना जैसे सत्संकल्प को संचालित करने वाले विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक केंद्र गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में शारदीय नवरात्रि में संचालित हुए नौ दिवसीय विशेष गायत्री साधना की सामूहिक पूर्णाहुति आज श्रद्धालुओं ने वैदिक मंत्रोच्चार और आस्था के साथ संपन्न किया। इस अवसर पर देश-विदेश से आये हजारों साधकों ने 24 कुण्डीय यज्ञशाला में गायत्री महायज्ञ में विशेष आहुतियाँ अर्पित की।

इस दौरान गायत्री परिजनों ने पावन गुरुसत्ता आत्मशुद्धि, राष्ट्र कल्याण एवं विश्व शांति के लिए प्रार्थना की। कार्यक्रम का संचालन शांतिकुंज की ब्रह्मवादिनी बहनों द्वारा किया गया, जिसमें शांतिकुंज परिवार सहित विभिन्न साधना शिविरों में आये साधकों ने श्रद्धाभाव से यज्ञाहुतियाँ दीं। सभी साधकों ने आध्यात्मिक चेतना का सामूहिक अनुभव किया।
पूर्णाहुति के बाद उपस्थित जनसमूह ने विश्व कल्याण के लिए विशेष प्रार्थना की और पं. श्रीराम शर्मा आचार्य व माता भगवती देवी शर्मा के संकल्पों को पूरा करने का संकल्प लिया। श्रद्धालुओं ने अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ प्रणव पण्ड्या के विशेष उद्बोधन को सुना।

शांतिकुंज व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरि ने कहा कि नवरात्र साधना आत्म-परिष्कार का महाअवसर है। गायत्री साधना तन, मन को पवित्र करती है। नवरात्रि अनुष्ठान साधक अपने अंत:करण को परिष्कृत करता है।
शांतिकुंज मीडिया विभाग के अनुसार 2 अक्टूबर को दशहरा के मौके पर देवसंस्कृति विश्विद्यालय परिसर में श्रीरामलीला मंचन के साथ ही रावण दहन का कार्यक्रम होगा।
