उत्तराखंड पर्यटन सचिव धीराज गबर्याल के प्रयास लाये रंग,’आदि कैलाश परिक्रमा रन’ हाई-एल्टीट्यूड अल्ट्रा मैराथन शुरू, पढ़िए पूरी खबर…
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देवभूमि उत्तराखंड के साहसिक पर्यटन के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। राज्य की पहली हाई-एल्टीट्यूड अल्ट्रा मैराथन, जिसे ‘आदि कैलाश परिक्रमा रन’ नाम दिया गया,पर्यटन विभाग ने हाल ही में आदि कैलाश के पवित्र और दुर्गम क्षेत्र में सफलतापूर्वक शुरुआत की।
उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग ने अभूतपूर्व कार्य किया है … जिसकी चर्चा हर ओर हो रही है । आदि कैलाश में शुरू हुई इस इस ऐतिहासिक दौड़ में 100 से अधिक अल्ट्रा धावकों ने हिस्सा लिया …. इन धावकों का जोश और हौसला तापमान शून्य से 7° सेल्सियस के कड़ाके की ठंड में भी देखने लायक था।
यह मैराथन उत्तराखंड की राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित की गई थी और इसका उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देना है। इस अल्ट्रा मैराथन की शुरूआत केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा , आई जी आईटीबीपी संजय गुंज्याल और पर्यटन सचिव धीराज गबर्याल ने किया। उत्तराखंड पर्यटन विभाग की तरफ से पहली बार इस तरह का आयोजन किया गया है जिसमें देश और दुनिया के 100 से अधिक धावक कौन है अपनी प्रतिभा का लोहा बनवाया है। पर्यटन विभाग के इस प्रयास की सरहाना देश दुनिया के आए हुए धावकों ने की है।
आइटीबीपीके आईजी संजय गुंज्याल ने कहा कि इस आयोजन से राज्य के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यह एक शुरुआत कहीं जा सकती है। आईजी संजय गुंज्याल ने कहा कि आईटीबीपी के तरफ से जो सहयोग किया जा सकता है वह इस आइटम मैराथन में किया जा रहा है और आने वाले दिनों में भी आईटीबीपी सामाजिक क्षेत्र के कार्यों में पूरा सहयोग देगी।
केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा ने बताया कि अल्ट्रा मैराथन के आयोजन से धार्मिक पर्यटन के साथ साथ कुमाऊं के सांस्कृतिक पर्यटन को भी मजबूती मिलेगी और यहां के पर्यटक स्थल भी अपनी पहचान बनाते हुए नजर आएंगे।
पर्यटन सचिव धीराज गबर्याल ने कहा की जो विभाग ने सपना देखा था जिसकी परिकल्पना की गई थी अल्ट्रा मैराथन से वह पूरी हो रही है। सचिव पर्यटन विभाग ने कहा कि शीतकाल के दौरान आदि कैलाश क्षेत्र में जमा हुए इन धावकों के जोश को देख कर कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में इसके सकारात्मक परिणाम ओर देखने को मिलेंगे।
