आबकारी विभाग की पहली छमाई में ही करोड़ों की चांदी,राजस्व में बड़ा उछाल, देखिए रेवेन्यू रिपोर्ट….
उत्तराखंड में आबकारी विभाग की अधिकारी राज्य का खजाने भरने में लगातार महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं उत्तराखण्ड आबकारी विभाग का वार्षिक निर्धारित लक्ष्य रू० 4439 करोड़ के सापेक्ष प्रदेश के 13 जनपदों द्वारा प्रेषित सूचना, कार्यालय आबकारी आयुक्त, उत्तराखण्ड स्थित आई०टी० अनुभाग एवं साईबर ट्रेजरी के आंकडो के अधार पर वर्ष 2024-25 के पहले छः माह में अद्यतन तक रू० 2404.19 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है जो कि इस अवधि में विगत वर्ष में रू० 2132.71 करोड़ प्राप्त हुए थे। विगत वर्ष की तुलना में रू० 272 करोड़ अधिक प्राप्त किए जा चुके है।
प्रदेश में वाणिज्य कर के पश्चात सबसे अधिक राजस्व देने वाला आबकारी विभाग है। मुख्यमंत्री के कुशल राजस्व प्रबन्धन के निर्देशों के कम में विगत वर्ष 2023-24 में जहां निर्धारित प्रदेश के आबकारी राजस्व लक्ष्य रू० 4000 करोड़ के सापेक्ष लक्ष्य से अधिक रू० 4038.69 करोड राजस्व प्राप्त किया गया है।
आबकारी नीति विषयक नियमावली, 2024 में मदिरा उद्योग थोक एवं फुटकर अनुज्ञापनों के लिए पारदर्शी तरीके से राज्य को उपभोक्ता से उत्पादक एवं निर्यातक राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए जो दूरदर्शी प्राविधान लागू किये गये, जिसके तहत प्रदेश में नये मदिरा उद्योग से सम्बन्धित इकाईयों द्वारा राज्य में निवेश किया जा रहा है, जिससे प्रदेश के राजस्व संग्रहण व रोजगार के अवसर वृद्धि होना स्वभाविक है। मदिरा के थोक / फुटकर बिक्री के लाईसेंस में स्थानीय लोगो को अवसर प्रदान किये गये है तथा मदिरा व्यापार पर एकाधिकार को समाप्त करने के लिये आवंटन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है, जिससे राज्य के सभी नागरिकों को समान अवसर प्राप्त हो रहा है।
आबकारी आयुक्त उत्तराखण्ड हरिचन्द्र सेमवाल ने बताया कि इसका श्रेय राज्य सरकार द्वारा बनाई गई प्रोगेसिव आबकारी नीति को लागू करने को जाता है। इस व्यवस्था के तहत जहां पर पर्वतीय अंचल में मैचुरेशन हाउस, गोदाम, मदिरा डिस्टलेशन के सूक्ष्म उद्योग के प्राविधान किये गये है जिसके तहत निवेशकों को आकर्षित किया जा रहा है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष में अद्यतन तक प्रदेश में स्थापित आसवनी/बॉटलिंग प्लान्ट/ब्रुवरी से प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों को 327007.65 पेटियां विदेशी मदिरा व 78589 पेटियां बीयर की निर्यात की जा चुकी है, जिससे राज्य मदिरा उपभोक्ता से निर्यातक राज्य की ओर अग्रसर हो रहा है। राज्य में मदिरा व्यपार को पारदर्शी बनाये जाने एवं शिकायतों के निस्तारण के उद्देश्य से प्रदेश की समस्त मदिरा दुकानों, गोदामों, आसवनी, बॉटलिंग इकाईयों इत्यादि को आबकारी मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम से जोडा गया है।
आबकारी आयुक्त उत्तराखण्ड हरिचन्द्र सेमवाल द्वारा अवगत कराया गया है कि आबकारी नीति 2024 का सफल कियान्वयन किया जा रहा है। निर्धारित आबकारी राजस्व लक्ष्य से अधिक राजस्व अर्जन वर्तमान वर्ष में किया जा सकेगा।